जी हां आज के समय मे blogging students के लिए बहुत जरूरी हैं, 21वीं सदी में लगभग हर वह चीज बदल चुकी है या बदल रही है जो हमारे जीवन को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती रही है. इनमें कृषि, मीडिया-क्षेत्र, नौकरियों का प्रारूप इत्यादि शामिल किया जा सकता है, किन्तु दुर्भाग्य से यही बात ‘एजुकेशन सिस्टम’ के लिए समग्रता से नहीं कही जा सकती है. इसी क्रम में अगर हम आगे बात करते हैं तो पाते हैं कि इन्टरनेट की दुनिया में वेबसाइट/ ब्लॉग बनाने का चलन अब प्रोफेशनल आकार लेने लगा है, खासकर भारत जैसे विकासशील देश में भी इसने पिछले कुछ सालों से ज़ोर पकड़ लिया है.,
अगर स्कूली शिक्षा-पद्धति में ही हम ब्लॉगिंग शामिल कर इसकी आदत बच्चों में डाल देते हैं तो इसके बड़े फायदे सामने आ सकते हैं. चूंकि ब्लॉगिंग में एक तरह से सूचनाओं को एकत्रित करके, रिपोर्ट रूप में, लेख रूप में हमें इन्टरनेट पर डालना होता है तो ऐसे में बहुत उम्मीद होती है कि बच्चा ‘रिसर्च’ के प्रति प्रोत्साहित होगा और फिर स्वाभाविक रूप से वह ‘आउटडेटिड’ नहीं रहेगा! इसके लिए परिस्थितियां इतनी ज्यादा मुफीद हैं कि आज हर स्टूडेंट के हाथ में स्मार्टफोन है, जिस पर वह घंटों सर्फिंग भी करते हैं तो क्यों न उनकी सर्फिंग को एक दिशा दे दी जाए…!!